पीलिया (Jaundice) : कारण, लक्षण और उपचार..!!



पीलिया (Jaundice) क्या है?..

पीलिया (Jaundice) 
वह अवस्था है जब शरीर की त्वचा, आंखों का सफेद भाग (Sclera) और म्यूकस मेंब्रेन पीले पड़ जाते हैं। यह शरीर में बिलीरुबिन (Bilirubin) नामक पिगमेंट की बढ़ी हुई मात्रा के कारण होता है। यह समस्या नवजात शिशुओं, बच्चों और वयस्कों में हो सकती है।
A 16-year-old Indian girl with jaundice symptoms, including yellow skin and sclera, appearing fatigued with a weak expression.



पीलिया के प्रकार (Types of jaundice)

हेपेटिक पीलिया
(Hepatic Jaundice)यह तब होता है जब लीवर में संक्रमण या सूजन की वजह से बिलीरुबिन ठीक से नहीं बनता।

हेमोलिटिक पीलिया (Hemolytic Jaundice) - जब लाल रक्त कोशिकाओं का तेजी से टूटना होता है, जिससे अधिक मात्रा में बिलीरुबिन बनता है।

ऑब्सट्रक्टिव पीलिया (Obstructive Jaundice)
यदि पित्त नलिकाओं (Bile Ducts) में अवरोध हो जाए, तो बिलीरुबिन का बाहर निकलना बाधित होता है।

पीलिया के कारण

  • वायरल हेपेटाइटिस (Hepatitis A, B, C, D, E)

  • लीवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis)

  • गॉल ब्लैडर स्टोन (Gallstones)

  • हेपेटाइटिस संक्रमण

  • शराब बहुत ज्यादा पीना

  • पित्त नलिकाओं में रुकावट

  • नवजात शिशुओं में सामान्य रूप से जन्म के बाद बिलीरुबिन का स्तर अधिक होना

पीलिया के लक्षण

  • त्वचा और आंखों में पीलापन

  • पेशाब का गहरा पीला या भूरा रंग

  • अत्यधिक थकान और कमजोरी

  • पेट में दर्द, विशेष रूप से दाईं ओर

  • मतली और उल्टी

  • भूख कम लगना

  • हल्के रंग का मल

  • तेज बुखार (संक्रमण के कारण)

पीलिया का निदान कैसे किया जाता है?

डॉक्टर पीलिया की पुष्टि करने के लिए निम्नलिखित परीक्षण कर सकते हैं:

  • रक्त परीक्षण (Blood Test) – बिलीरुबिन का स्तर जांचने के लिए।

  • लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver Function Test) – लीवर की कार्यप्रणाली को समझने के लिए।

  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – लीवर, गॉल ब्लैडर और पित्त नलिकाओं में किसी रुकावट की जांच के लिए।

  • बायोप्सी (Biopsy) – लीवर से टिशू सैंपल लेकर जांच की जाती है।

पीलिया का उपचार

घरेलू उपाय

  1. नींबू पानी – लीवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।

  2. गन्ने का रस – शरीर को हाइड्रेट रखता है और लीवर को मजबूत बनाता है।

  3. हल्दी वाला दूध – सूजन को कम करता है और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है।

  4. पपीते की पत्तियों का रस – पाचन सुधारता है और लीवर को ठीक करने में सहायक होता है।

  5. छाछ और काली मिर्च – पाचन को दुरुस्त करने और शरीर से विषैले तत्व निकालने में मदद करता है।

मेडिकल उपचार

  • हेपेटाइटिस के लिए एंटी-वायरल दवाएं

  • लीवर सिरोसिस या गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट

  • बैक्टीरियल संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स

  • गॉल ब्लैडर स्टोन होने पर सर्जरी

  • लीवर को डिटॉक्स करने के लिए ग्लूकोज और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन

पीलिया से बचाव के उपाय

  • स्वच्छ और सुरक्षित पानी पिएं।

  • जंक फूड और ज्यादा वसा वाले खाद्य पदार्थों से बचें।

  • अत्यधिक शराब का सेवन न करें।

  • नियमित रूप से व्यायाम करें।

  • टीकाकरण (Hepatitis A और B के लिए) करवाएं।

  • अपने आहार में हरी सब्जियों और फल को जोड़ें।

निष्कर्ष

पीलिया कोई साधारण बीमारी नहीं है, यह लीवर की कार्यप्रणाली के साथ जुड़ी गंभीर समस्या हो सकती है। स्वच्छ खानपान, साफ-सफाई और डॉक्टर के निर्देशों का अनुपालन करने से यह रोका जा सकता है। यदि आपको पीलिया के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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