गॉलब्लेडर स्टोन क्या है और कैसे बनती है ? लक्षण क्या है , सही आहार और गॉलब्लैडर स्टोन (पित्त पथरी) का उपचार क्या है ?

 

गॉलब्लेडर स्टोन क्या है और कैसे बनती है ?

गॉलब्लैडर (पित्ताशय) में पथरी बनने की प्रक्रिया को गॉलब्लैडर स्टोन (Gallstones) या पित्त पथरी कहा जाता है। यह पथरी मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन और पित्त लवणों के असंतुलन के कारण बनती है।

गॉलब्लैडर में पथरी बनने के कारण:

  1. अधिक कोलेस्ट्रॉलजब पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है, तो यह क्रिस्टल बनाकर पथरी का रूप ले सकता है।
  2. बिलीरुबिन की अधिकतालीवर की समस्याओं के कारण शरीर में बिलीरुबिन अधिक बनता है, जिससे गॉलब्लैडर में पथरी बनने लगती है।
  3. पित्ताशय का सही तरह से खाली न होनायदि गॉलब्लैडर पूरी तरह से और नियमित रूप से खाली नहीं होता, तो उसमें पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
  4. अनियमित खानपानअधिक तला-भुना, वसायुक्त भोजन और कम फाइबर वाली डाइट लेने से पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है।
  5. मोटापा और मधुमेहमोटापे और डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों में गॉलब्लैडर स्टोन बनने की संभावना अधिक होती है।
  6. अनुवांशिक कारणयदि परिवार में किसी को पहले से पित्त पथरी हुई है, तो इसकी संभावना अधिक हो सकती है।
गॉलब्लैडर स्टोन के लक्षण
  • पेट के दाईं ओर तेज़ दर्द (विशेष रूप से खाना खाने के बाद)
  • जी मिचलाना और उल्टी
  • पाचन संबंधी समस्याएं (गैस, एसिडिटी)
  • हल्का बुखार (संक्रमण होने पर)
  • पीली त्वचा (अगर पथरी के कारण पित्त नली ब्लॉक हो जाए)

गॉलब्लैडर स्टोन (पित्त पथरी) वाले मरीज के लिए सही आहार

गॉलब्लैडर स्टोन होने पर सही खानपान बहुत जरूरी होता है, क्योंकि गलत खानपान से दर्द और परेशानी बढ़ सकती है। सही डाइट लेने से पित्त का संतुलन बना रहता है और पथरी बढ़ने से बचा जा सकता है।

🍏 खाने में क्या शामिल करें?

फाइबर युक्त आहारसाबुत अनाज (जैसे ओट्स, ब्राउन राइस, दलिया) और हरी पत्तेदार सब्जियाँ पाचन को बेहतर बनाती हैं।
फल और सब्जियाँसेब, नाशपाती, गाजर, लौकी, टमाटर, खीरा, पपीता आदि फायदेमंद हैं।
कम वसा वाला प्रोटीनदालें, सोया, टोफू, छिलके वाली मूंग दाल और कम वसा वाला दही या पनीर लें।
अच्छे फैट्सओमेगा-3 से भरपूर नट्स (बादाम, अखरोट) और बीज (फ्लैक्स सीड, चिया सीड) लाभदायक हैं।
पर्याप्त पानी पिएंदिनभर में 8-10 गिलास पानी पिएं ताकि पित्त पतला बना रहे।


🚫 किन चीजों से बचें?

तला-भुना और वसायुक्त भोजनसमोसा, कचौरी, पकोड़े, फ्रेंच फ्राइज जैसी चीज़ें पित्ताशय पर दबाव डाल सकती हैं।
अधिक तेल और घीअधिक घी, मक्खन, मलाई और तले हुए भोजन से बचें।
प्रोसेस्ड फूडपिज्जा, बर्गर, नूडल्स, केक और बिस्किट जैसी चीजें नुकसानदेह हो सकती हैं।
डिब्बाबंद और चीनी युक्त खाद्य पदार्थकोल्ड ड्रिंक्स, मिठाइयाँ और आइसक्रीम से बचें।
मसालेदार भोजनअधिक तीखा, खट्टा और मिर्च-मसाले वाला खाना दर्द बढ़ा सकता है।


 कुछ हेल्दी डाइट टिप्स

कम मात्रा में और बार-बार खाएंदिन में 5-6 बार हल्का और पौष्टिक खाना खाएं।
डिनर हल्का रखेंरात का खाना जल्दी और हल्का लें ताकि पाचन सही रहे।
एक्सरसाइज करेंहल्की वॉक और योग करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है।
गर्म पानी पिएंसुबह-सुबह गुनगुना पानी पीने से पित्ताशय की सफाई में मदद मिलती है।

गॉलब्लैडर स्टोन (पित्त पथरी) का उपचार

गॉलब्लैडर स्टोन (Gallstones) के इलाज का चुनाव इस बात पर निर्भर करता है कि पथरी कितनी बड़ी है, कितनी परेशानी हो रही है, और क्या कोई जटिलताएँ (complications) हैं। कुछ मामलों में, यदि पथरी छोटी हो और कोई लक्षण न हो, तो केवल खानपान में सुधार और जीवनशैली बदलकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन यदि पथरी दर्द या अन्य समस्याएँ पैदा कर रही है, तो इलाज की आवश्यकता होती है।


🔹 1. दवाइयों द्वारा उपचार (Medicine Treatment)

👉 कोलेस्ट्रॉल आधारित पथरी के लिए दवाएँ कुछ दवाइयाँ (Tab Ursodeoxycholic Acid) पथरी को धीरे-धीरे घोल सकती हैं।


👉 यह प्रक्रिया बहुत धीमी होती है (महीनों या सालों तक लग सकते हैं) और हर प्रकार की पथरी पर प्रभावी नहीं होती।

👉 अगर पेट में दर्द हो तो डिक्लोफेनाक सोडियम ( Tab or Inj Diclofenac Sodium)  इंजेक्शन या टेबलेट दी जाती है

👉 गैस बनने से पैंटोप्राजोल (Tab Pantoprazole ) टैबलेट ले सकते हैं

👉 साथ में एक एंजाइम ( Diastase & Pepsin Liquid ) सिरप ले सकते है 

🛑 यह उपचार केवल उन्हीं लोगों के लिए कारगर होता है जिनकी पथरी बहुत छोटी हो और लक्षण हल्के हों।


🔹 2. लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Cholecystectomy)

सबसे सुरक्षित और आम उपचारजब पथरी दर्द और संक्रमण (infection) का कारण बनती है, तो डॉक्टर गॉलब्लैडर को निकालने की सलाह देते हैं।

यह लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Keyhole Surgery) द्वारा की जाती है, जिसमें पेट में छोटे-छोटे चीरे लगाकर गॉलब्लैडर निकाल दिया जाता है।
फायदेकम दर्द, जल्दी रिकवरी, और अस्पताल में कम समय रुकना पड़ता है।

🛑 यह सर्जरी उन लोगों के लिए ज़रूरी होती है जिन्हें बार-बार पथरी के कारण दर्द और सूजन हो रही हो।


🔹 3. ओपन सर्जरी (Open Cholecystectomy)

👉 यह तब की जाती है जब पथरी बहुत बड़ी हो, संक्रमण ज्यादा हो, या कोई अन्य जटिलता हो।
👉 इसमें पेट पर बड़ा चीरा लगाया जाता है और गॉलब्लैडर निकाल दिया जाता है।
👉 रिकवरी में थोड़ा ज्यादा समय लगता है, लेकिन यह गंभीर मामलों में जरूरी होती है।


🔹 कौन सा इलाज सही है?

  • यदि पथरी छोटी है और कोई लक्षण नहीं हैंजीवनशैली में बदलाव और खानपान सही करके इसे रोका जा सकता है।
  • यदि बार-बार दर्द हो रहा हैलेप्रोस्कोपिक सर्जरी सबसे बेहतर विकल्प होती है।
  • यदि बहुत बड़ा स्टोन है या संक्रमण हो गया हैओपन सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।

👉 अगर आपको बार-बार दर्द हो रहा है, उल्टी या बुखार आ रहा है, या पीलिया जैसे लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

 

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

थैलेसीमिया क्या है, लक्षण क्या है, कैसे होता है, रोकने के उपाय क्या है और थैलेसीमिया का इलाज क्या है ।

टाइफाइड बुखार क्यों होता है?टाइफाइड होने के मुख्य कारण क्या है,उपचार कैसे करें ।