कैंसर क्या है?
कैंसर एक घातक (मैलिग्नेंट) बीमारी है, जिसमें शरीर की कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने और विभाजित होने लगती हैं। यह असामान्य कोशिकाएँ एक ट्यूमर (गांठ) बना सकती हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकती हैं, जिसे मेटास्टेसिस (Metastasis) कहा जाता है।
कैसे होता है कैंसर?
स्वस्थ शरीर में कोशिकाएँ एक नियंत्रित प्रक्रिया के तहत विभाजित होती हैं और समय आने पर नष्ट हो जाती हैं। लेकिन जब डीएनए में किसी प्रकार की गड़बड़ी (म्यूटेशन) आ जाती है, तो कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और कैंसर का रूप ले लेती हैं।
इस लेख में आप स्तन कैंसर के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
स्तन कैंसर क्या है?
स्तन कैंसर (Breast Cancer) एक गंभीर बीमारी है, जिसमें स्तन की कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का रूप ले सकती हैं। यह कैंसर मुख्य रूप से स्तन की दूध नलिकाओं (ducts) या लोब्यूल्स (lobules) में विकसित होता है और अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है।
स्तन कैंसर के लक्षण
- गांठ (Lump) का बनना
- स्तन के आकार में बदलाव
- त्वचा का लाल होना या गाढ़ा होना
- निप्पल से असामान्य स्राव
स्तन कैंसर की जाँच
- मैमोग्राफी
- बायोप्सी
- अल्ट्रासाउंड व एमआरआई
स्तन कैंसर से बचाव के उपाय
स्तन कैंसर से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण जीवनशैली परिवर्तन और सावधानियाँ अपनाई जा सकती हैं। हालाँकि, कैंसर को पूरी तरह रोकना संभव नहीं है, लेकिन इन उपायों से इसके होने का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।
1. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ
✅ संतुलित आहार लें – फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, और कम वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
✅ शारीरिक रूप से सक्रिय रहें – नियमित व्यायाम करें, कम से कम 30 मिनट प्रतिदिन टहलें, योग या वर्कआउट करें।
✅ स्वस्थ वजन बनाए रखें – अधिक वजन या मोटापा स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
✅ धूम्रपान और शराब से बचें – शराब और तंबाकू का सेवन स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
2. हार्मोनल संतुलन का ध्यान रखें
✅ हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) से बचें – अगर आवश्यक न हो तो लंबे समय तक हार्मोनल थेरेपी न लें।
✅ स्तनपान कराएँ – जो महिलाएँ बच्चों को स्तनपान कराती हैं, उनमें स्तन कैंसर का खतरा कम होता है।
3. नियमित रूप से जाँच कराएँ
✅ मैमोग्राफी करवाएँ – 40 वर्ष की आयु के बाद नियमित रूप से मैमोग्राफी जाँच कराएँ।
✅ स्व-परिक्षण करें – महीने में एक बार घर पर ही अपने स्तनों की जाँच करें।
✅ डॉक्टर से परामर्श लें – अगर स्तन में किसी भी प्रकार की असामान्यता दिखे तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
4. जेनेटिक टेस्टिंग और जागरूकता
✅ परिवार में कैंसर का इतिहास हो तो जाँच कराएँ – यदि परिवार में किसी को स्तन कैंसर हुआ है, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर जेनेटिक टेस्टिंग करवाएँ।
✅ तनाव कम करें – अधिक तनाव लेने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
स्तन कैंसर का उपचार
स्तन कैंसर के उपचार का चयन उसके प्रकार, स्टेज (चरण), और मरीज की शारीरिक स्थिति के आधार पर किया जाता है। आधुनिक चिकित्सा में कई तरह की उपचार विधियाँ उपलब्ध हैं, जिनका उद्देश्य कैंसर को समाप्त करना या उसे नियंत्रित करना होता है।
1. सर्जरी (Surgery)
सर्जरी स्तन कैंसर का सबसे सामान्य उपचार है। इसमें प्रभावित ट्यूमर को निकालने के लिए दो मुख्य प्रकार की सर्जरी की जाती हैं:
✅ लंपेक्टॉमी (Lumpectomy) – इसमें केवल कैंसरयुक्त गांठ और उसके आसपास के ऊतक निकाले जाते हैं।
✅ मास्टेक्टॉमी (Mastectomy) – इसमें पूरे स्तन को हटा दिया जाता है, विशेषकर तब जब कैंसर फैलने का खतरा अधिक हो।
2. कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
✅ यह एक दवा-आधारित उपचार है, जिसमें कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए मजबूत दवाएँ दी जाती हैं।
✅ इसे सर्जरी से पहले (Neoadjuvant) या बाद में (Adjuvant) दिया जा सकता है ताकि कैंसर कोशिकाएँ पूरी तरह खत्म हो सकें।
✅ इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे बाल झड़ना, कमजोरी, मतली, और प्रतिरोधक क्षमता में कमी।
3. रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy)
✅ इसमें उच्च-ऊर्जा किरणों का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।
✅ यह सर्जरी के बाद दी जाती है ताकि बचे हुए कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जा सके।
✅ इसके दुष्प्रभावों में त्वचा में जलन, थकान और सूजन शामिल हो सकते हैं।
4. हार्मोन थेरेपी (Hormone Therapy)
✅ यह उन मरीजों के लिए उपयुक्त होती है, जिनका स्तन कैंसर हार्मोन (एस्ट्रोजन या प्रोजेस्टेरोन) के प्रभाव में बढ़ता है।
✅ इसमें टैमोक्सीफेन (Tamoxifen) और एरोमाटेज इनहिबिटर्स (Aromatase Inhibitors) जैसी दवाएँ दी जाती हैं।
✅ यह कैंसर की पुनरावृत्ति (Relapse) को रोकने में मदद करता है।
5. टार्गेटेड थेरेपी (Targeted Therapy)
✅ यह थेरेपी विशेष रूप से कैंसर कोशिकाओं पर काम करती है और स्वस्थ कोशिकाओं को कम नुकसान पहुँचाती है।
✅ HER2-पॉजिटिव स्तन कैंसर के इलाज में हेरसेप्टिन (Herceptin) जैसी दवाएँ दी जाती हैं।
✅ इसके दुष्प्रभाव हल्के होते हैं, जैसे हल्की थकान और एलर्जी प्रतिक्रियाएँ।
6. इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy)
✅ यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करता है।
✅ यह अधिकतर ट्रिपल-नेगेटिव स्तन कैंसर (Triple-Negative Breast Cancer) में उपयोगी होती है।
निष्कर्ष
स्तन कैंसर का उपचार व्यक्ति की स्थिति के अनुसार भिन्न हो सकता है। सही समय पर जाँच और उपचार से स्तन कैंसर से बचाव और नियंत्रण संभव है। डॉक्टर से परामर्श लेकर उचित उपचार योजना बनानी चाहिए।
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